एक श्लोकी मल्हारी महात्म्य | Ek Shloki Malhari Mahatmya |

 


एक श्लोकी मल्हारी महात्म्य

पूर्वं धर्मसुतास्तपोवनगता मल्लेन संतर्जिता
जिष्णुंविष्णुमतीत्य शंभुमभजन् तेनावतीर्य क्षितौ |
तत्रोल्का मुखमुख्य दैत्य निवहं हत्वामणिं मल्लकं
देवः प्रेमपुरेSर्थीतोSवतु वसन् लिङ्गं द्वयात्माSर्थदः||

 


मल्हारी ध्यान

ध्यायेन्मल्लारिदेवं कनकगिरीनिभं म्हाळसा भूषितांकम l
श्वेताश्वम् खडःग हस्तं विबुधबुधगणै सेव्यमानं कृतार्थे l
युक्तांघ्रि दैत्यमुन्ध्री डमरु विलसितं नैशचूर्णाभिरामम l
नित्यं भक्तेषु तुष्टं श्वगण परिवृत्तं नित्यमोङ्काररूपम् ll

 


 

 

 

 

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